3/13/21

क्या हो तुम...!!

तुम्हें पता है कौन हो तुम

मेरे जिंदगी की अनछुई परछाई हो तुम

समझता मैं भी अजनबी था तुझे,

मिला मुझे खुद का पता जब न था,

मिली जब पनाह तेरे प्यार की,

छोड़ हक़ीक़त सपनों में खो गया,

मिला तेरा साथ तो अपनों का हो गया,

बिताये हर एक पल ग़मों से दूर रहा मैं,