Civil Engineering Graduate From:-Bahraich(Lucknow) , Uttar pradesh, India
तुम्हें पता है कौन हो तुम
मेरे जिंदगी की अनछुई परछाई हो तुम
समझता मैं भी अजनबी था तुझे,
मिला मुझे खुद का पता जब न था,
मिली जब पनाह तेरे प्यार की,
छोड़ हक़ीक़त सपनों में खो गया,
मिला तेरा साथ तो अपनों का हो गया,
बिताये हर एक पल ग़मों से दूर रहा मैं,