11/6/23

तुम्हारा नाम...!

जो भी लिखा जा रहा है, पढ़ा जा रहा है, बहुत पहले लिखा जा चुका है!

सारी कविताएं जो इंतज़ार में है सुनी जा चुकी हैं।

वो कहानियां जो दिल में टीस पैदा करती है पढ़ी जा चुकी है,

वो सभी पात्र जो तुम्हारे जेहन में हैं, बहुत पहले अपना क़िरदार निभा चुके हैं!

वो जो तुम्हें सुनाई दे रही है गीत में, कविता में, शायरी में, बोली जा चुकी है,

सारे ख़त पहुंचाए जा चुके हैं उनके पते पर,

बस उन कविताओं, उन ख़तों में नहीं लिखा गया है तुम्हारा नाम...!