खुद को इतना भी मत बचाया कर
बारिशें हों तो भीग जाया कर
चाँद लाकर कोई नहीं देगा
अपने चेहरे से जगमगाया कर
दर्द हीरा है, दर्द मोती है
दर्द आँखों से मत बहाया कर
काम ले कुछ हसीन होंठो से
बातों-बातों मे मुस्कुराया कर
धूप मायूस लौट जाती है
छत पे कपड़े सुखाने आया कर
कौन कहता है दिल मिलाने को
कम से कम हाथ तो मिलाया कर