11/13/21

 धीरे धीरे लोगों की याद से,

मिटता जा रहा हूँ मैं ।

लेकिन मेरी याद से लोग,

नहीं मिट रहे हैं।

अक्सर ये हुआ कि ऐसे लोग लंबे समय तक साथ रहे,

जिन्होंने कभी नहीं कहा था,

कि वे साथ रहेंगे।

और जो रोज नियम से कहते थे,

कि साथ रहेंगे वे ओझल हो गए ऐसे ही समय समझ आया,

कि रिश्तों में नियम नहीं होना चाहिए।

नियम की आदत हो जाती है और ये भी कि जो नियम की तरह,

जीवन में रहते हैं।

वे जाते नियम की तरह नहीं है,

नियम तोड़ कर जाते हैं।

जाने का नियम नौकरी में हो सकता है रिश्तों में नहीं हो भी तो कम से कम मुझे अच्छा नहीं लगता।

11/10/21

Gentleman Kise Kehte Hai?

Gentleman kise kehte hai? 

You know, mard ka ek stereotype hai,

Badi macho waali hype hai

Wo ghar chalaayega

Ladki ko bachaayega

Wo royega nahi, weak nahi hoga

Mujhe laga ye toh kuch theek nahi hoga


Mujhe na hero, na saviour, na superman banna tha

Jo ro sake, jo ga sake 

Kisi ko bacha paye toh bacha sake, aisa man banna tha

Main Hindi mein senti hota hoon,

Punjabi mein gaata hoon, aisa man.

Tie baandhna mujhe nahi aata, par khaana theek thaak banata hoon, aisa man.

Tumhaari English slow hai ya fast hai,

Mujhe faraq nahi padta

Tum gay ho, straight ho, tumhari kya caste hai,

Mujhe faraq nahi padta.