6/19/24

Tujhe mai kya likhu..??

Tujhe gazl ek nayaab likhu ,

Kavita nahi tujhpr kitaab likhu...


Khud ko likhu ek uljha sa sawaal ,

Tujhee suljha jawaab likhu...


Main hu ek bejaan si haqeeqat ,

Tujhe ek mehanga sa khwaab likhu....


Likhu khud ko kaante jaisa ,

Fir tujhko phool gulaab likhu...


Ek tere alawa koi dikhta hi ni mujhe ,

Ek ye aadat khudki kharab likhu...


Teri aankho ki toh kya hi baat kru ,

Teri julfo ko ek sailaab likhoon..!!

11/6/23

तुम्हारा नाम...!

जो भी लिखा जा रहा है, पढ़ा जा रहा है, बहुत पहले लिखा जा चुका है!

सारी कविताएं जो इंतज़ार में है सुनी जा चुकी हैं।

वो कहानियां जो दिल में टीस पैदा करती है पढ़ी जा चुकी है,

वो सभी पात्र जो तुम्हारे जेहन में हैं, बहुत पहले अपना क़िरदार निभा चुके हैं!

वो जो तुम्हें सुनाई दे रही है गीत में, कविता में, शायरी में, बोली जा चुकी है,

सारे ख़त पहुंचाए जा चुके हैं उनके पते पर,

बस उन कविताओं, उन ख़तों में नहीं लिखा गया है तुम्हारा नाम...!

10/30/23

प्रेम

'रेत सी होती हो तुम
किनारों पर आजाद, दूर तक खुली - फैली

'लहर होता हूँ मैं
'बार-बार लौटता हूँ तुम्हारे पास हर बार और अधिक उफान लिए

स्पर्श के इस उतार-चढ़ाव में 
'नमक होती है देह '
समुद्र होता है प्रेम |

Source-Internet

पहला कदम इच्छाशक्ति का होता है |

चलने से पहले,

हजारों लोगों से पूछना मत,

हाँ, जब चलना शुरू कर देना,

जहाँ भी अवसर मिले सीखना,

और बेहतर बनना हर रोज़,

पहला कदम इच्छाशक्ति का होता है,

पहला कदम इच्छा शक्ति का होता है, आपके संकल्प का होता है । सोच समझ कर उठाइये पहला कदम, मगर सोचते मत रहिए । कुछ लोगों से पूछिये पूछते मत रहिए । जब आप नई राह पर चलेंगे, कुछ नया करेंगे तो आपको भी और दूसरों को भी अजीब लगेगा, क्योंकि यह रास्ते अनजान हैं। दूसरे जिन्होंने कभी इस राह पर कदम भी नहीं बढ़ाया वो भी आपको मना करेंगे डरायेंगे क्योंकि अनजान राह पर चलकर आप शायद एक नया शहर ढूँढ सकते हैं जो लोगों के बसाये शहर से अलग है और उनके नियमों को नहीं मानता। अगर आपका दिल कहता है कि चलना है तो चलिये, रास्ते आप तक चलकर आयेंगे |

1/21/23

You & Love ...

"Aasan nahi hai tumse pyaar karna, lekin tumse pyaar na karna, usse bhi zyada mushkil."

It's not humanly possible to like every single thing about a person, no matter how much you love them. Everyone is made of both - the good & the bad, & love is just the invisible knot that ties you to both those aspects of a person.

People have their own set of quirks some of which make  you laugh while others make you furious. But when you truly love someone, you accept them for all that they are. You can't measure what you like or don't like about them; you just wholeheartedly love them, inspite of everything, because all those qualities make them the person they are, & you're in love with that person.

"Isi ujaale ki tarah ho tum humari zindagi mein, aur jitna pyaar hum tumse karte hai, utna poori duniya mein koi nahi kar paayega."

Ulajh karke teri julfon mein......

Ulajh karke teri julfon mein yu aabad ho jau ,

Ki jaise lucknow ka mai aminabad ho jau ,

Main yamuna ki trah tanha niharu taj ko kab tak...

Koi ganga mile to fir mai Allahabad ho jau ,

Aur gazal kehne laga hu ab zara sa muskura to do.. 

Yahi to chahti thi tum na ki main barbad ho jau  !!