9/19/21

प्रेम..!!

प्रेम वो है जो एक माँ को अपने होने वाले शिशु से होता है., जबकि उसने उसे देखा भी नहीं है, प्रेम वो है जो एक भक्त को अपने भगवान से होता है, प्रेम तो वो है कि जब घर में कभी खाना कम हो जाये तो माँ कहे कि मुझे भूख नहीं है, प्रेम तो वो है जब पिता के पास भले ही ढंग के कपड़े ना हो पर वह अपने बच्चों को दुनिया की हर खुशी दे, प्रेम तो वो भी है जब वो आपके बिना कहे ही समझ जाये कि आप खुश हो या दुखी, प्यार तो उसकी डांट में भी है, प्रेम तो माँ के डण्डे में भी है, प्रेम तो भाई के ‘मोटी ’कहकर चिढ़ाने में भी है… 

प्रेम तो समर्पण भी है और प्रेम तो हक जताने में भी है, प्रेम जिन्दगी है।