सारे दोस्त एक जैसे नहीं होते, कुछ हमारे होकर भी हमारे नहीं होते...
कुछ ऐसे मिलते हैं, जो भीड़ में भी हमे खोने नही देते
चाहे हजारो गम हो यारों, पर हमे कभी रोने नहीं देते ...
कुछ काम खतम होते ही छोड़ देते हैं, जरूरत के वक्त पर मुँह मोड़ लेते हैं...
कभी वफा तो कभी बेवफाई होती है,
दोस्ती निभाकर तो देखो जरा....
कि इसमें कितनी सच्चाई होती है.....
इसिलिए ना तुम दूर जाना... ना हम दूर जायेंगे..
अपने-अपने हिस्से की दोस्ती निभाएंगे !!!