अगर तू करे वादा मेरे साथ रहने का,
तो मैं लिखूंगा तेरे बारे में,
अरे नहीं लिखूंगा तेरी आंखों के बारे में जिनमें डूब कर खो जाने को जी करता है,
या तेरी जुल्फों के बारे में जिनमें उलझ कर कभी नहीं सुलझना मुझे,
या तेरे होठों के बारे में जिसे अपने होठों से लगाकर अकसर बहक जाता हूं मैं,
नहीं,
मुझे नहीं लिखना उन चीज़ों के बारे में,
मैं लिखूंगा तेरी शरारतों के बारे में,
मैं लिखूंगा तेरे नखरों के बारे में,
मैं लिखूंगा तेरी बचकानी हरकतों के बारे में,
मैं लिखूंगा की कैसे तेरे बदन के हर हिस्से को मैंने अपनी उंगलियों से तराशा है,
और तेरे माथे से तेरे होठों के बीच का फासला मैंने अपने होठों से नापा है,
मैं लिखूंगा की तेरे बारे में ही लिख लिख के मैंने लिखना सीखा है,
पर मैं इतना भी नहीं लिखूंगा की पढ़ने वाला तुझसे मोहब्बत कर बैठे,
और तेरी तसवीर वो अपने दिल में बना बैठे,
पर तू अपना वादा निभाना,
एक रोज़ मेरे पास जरूर आना,
हमेशा-हमेशा के लिए,
क्योंकि मुझे लिखना है सिर्फ़ तेरे बारे में...।।
-Adarsh Maurya (KinshuK)